Descrição do पितृदोष शांति के मंत्र और उपाय
पितृ दोष सबसे बड़ा दोष माना जाता है। पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है। मृत्यु के पश्चात जब आत्मा किसी कारणवश मुक्ति न पाकर मृत्यु लोक में ही भटकती रहती है तो ऐसा होने पर उस परिवार के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार जिन परिवारों के लोग पितरों की पूजा और श्राद्ध नहीं करते हैं उनको पितृदोष लगता है।
ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं ,आपके आचरण से,किसी परिजन द्वारा की गयी गलती से ,श्राद्ध आदि कर्म ना करने से ,अंत्येष्टि कर्म आदि में हुई किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है।
इस दोष से पीड़ित व्यक्ति जीवन में काफीEmoji riches उतार-चढ़ाव महसूस करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है उसे धन की कमी से लेकर मानसिक तनाव तक झेलने पड़ते हैं।
पितरों को शांत करने के लिए तर्पण-श्राद्ध किया जाता है। ऐसा करने से पितृदोष यानी हमारे पूर्वजों का ठीक से श्राद्ध कर्म ना होने के कारण घर में आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।